Who is known as the queen of fruits know interesting facts about it.

आम फलों का राजा है ये तो हर किसी को पता है. बचपन से हम सब इसे पढ़ते और सुनते आए हैं. आम पोषक तत्वों से भरपूर होता है जैसे विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन ए, बी6, फोलेट, प्रोटीन होता है. यही वजह हैं कि स्वाद में शानदार होने के साथ-साथ ये सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. कुछ लोग तो गर्मियों का इंतजार केवल आम की वजह से करते हैं. फलों के राजा आम के बारे में तो आप सब कुछ जानते होंगे, लेकिन क्या आप फलों की रानी के बारे में जानते हैं या कभी सुना है?

शायद, आप हैरान हो गए होंगे कि आज तक तो आपने फलों के राजा आम के बारे में सुना होगा. पर क्या आप जानते हैं कि फलों के राजा की तरह फलों की रानी भी होती हैं. फलों की रानी मैंगोस्टीन होती है जो देखने में एक नॉर्मल फ्रूट की तरह है, लेकिन ऊपर का शेल हटाने के बाद ये बिल्कुल फूल के आकार का रहता है साथ ही खाने में भी लाजवाब है. चलिए इस फल के बारे में जानते हैं डिटेल के साथ.

फलों की रानी कौन है?

फलों की रानी मैंगोस्टीन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये काफी स्वादिष्ट फल होता है जो खाने में मीठा होता है. इसमें कई पोषक तत्व जैसे फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं. ये इम्युनिटी और एनर्जी को बूस्ट करने में मदद करता है. ये फल मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और दक्षिण भारत में कर्नाटक, केरल में पाया जाता है.

मैंगोस्टीन को क्यों मिला फलों की रानी का खिताब

आपको ये तो पता चल गया है कि फलों की रानी मैंगोस्टीन को कहते हैं पर क्या आप जानते हैं कि इसे ये खिताब कब और कैसे मिला. दरअसल, अमेरिकी प्लांट एक्सप्लोरर और वनस्पतिशास्त्री डेविड फेयरचाइल्ड ने इस फल को ये खिताब दिया था. 1930 में उन्होंने अपनी एक किताब एक्सप्लोरिंग फॉर प्लांट्स में इस फल को फलों की रानी कहा था. ये थाईलैंड का राष्ट्रीय फल है.

मैंगोस्टीन के हैं अलग-अलग नाम

मैंगोस्टीन को फलों की रानी कहा जाता है. ये बाहर से बैंगनी और अंदर से सफेद रंग का होता है. इसे अलग-अलग भाषा में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. हिंदी में इसे मैंगोस्टीन कहते हैं, गुजरात में इसे कोकम कहते हैं वहीं बंगाल में काओ कहा जाता है.

इस फल को कैसे खाएं?

मैंगस्टीन का फल वैसे तो बहुत रेयर है पर जिन जगह ये फल मिलता है वहां ये गर्मियों के मौसम में ही आता है. इस फल के बैंगनी छिलके को निकालकर फेंक दिया जाता है और इसके अंदर के सफेद गूदे को खाया जाता है जो स्वाद में खट्टा-मीठा होता है.

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